Kavi Manikchand
कवि माणिकचंद
कवि माणिकचंद अपभ्रंश भाषा के विकास की एक महत्वपूर्ण कड़ी हैं। इनका जन्म मलयकीर्ति भट्टारक वंश में हुआ था। यह मलयकीर्ति यश:कीर्ति के पट्टशिष्य थे। इनका समय 17 वीं शताब्दी सुनिश्चित है। इनके द्वारा लिखित एक रचना प्राप्त होती है- सत्त वसन कहा - इसकी भाषा अत्यंत सरल और स्पष्ट है। इसमें कृष्ण और जरासंध का युद्ध, नेमी कुमार का विवाह और इसके माध्यम से सब व्यसनों की कथाएं अलग-अलग काव्यात्मक रूप में लिखी गई हैं।